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Swantryottar Hindi Kahani Me Kathya Vaividhya

Swantryottar Hindi Kahani Me Kathya Vaividhya
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Swantryottar Hindi Kahani Me Kathya Vaividhya
About the Book
Author of bookDr. A. K. Patel, Dr. Panesar Parmjeet S.
Book's LanguageHindi
Book's EditionsFirst
Pages of book184
Publishing Year of book2018
  • Availability: In Stock
  • Model: BHB-354
  • ISBN: 978-93-85804-25-0
₹400.00
₹500.00

About the Book


स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कहानी में कथ्य वैविध्य

स्वातंत्र्योत्तर कहानीकारों में भीष्म साहनी, कमलेश्वर, अमरकांत, अमृतराय, राजेन्द्र यादव, हरिशंकर परसाई, मन्नू भंडारी, मोहन राकेश, शिवानी, मार्कण्डेय, फणीश्वरनाथ रेणु, शिवप्रसाद सिंह, ठाकुरप्रसाद सिंह, बच्चन सिंह, केशव प्रसाद मिश्र, भैरव प्रसाद गुप्त, यशपाल, निर्मल वर्मा, शैलेश मटियानी, मंजुल भगत, उषा प्रियंवदा, चित्रा मुद्गल, कृष्णा सोबती, मृदुला गर्ग, ममता कालिया, नासिरा शर्मा, नमिता सिहं, अलका सरावगी, सुधा अरोड़ा आदि प्रमुख हैं। भारतीय जीवन में जो विघटन दौर आरम्भ हुआ, उसकी यथार्थ अभिव्यक्ति हिंदी कहानी के माध्यम से अपेक्षाकृत अधिक सम्भव हो सके। खण्डित जीवन एवं समस्याओं के वैविध्य को लक्ष्य कर चलने के कारण विविध प्रयोगों को स्वीकार करना कहानीकारों के लिए आवश्यक हो गया और यह प्रयोग शिल्प एवं विषय दोनों ही स्तरों पर दिखलाई पड़ा। आधुनिक कहानी की यही सबसे बड़ी शक्ति और यही सबसे बड़ी दुर्बलता रही, जिसका प्रभाव आज हिंदी के अन्य साहित्य-रूपों पर भी पड़ा है। युगीन परिस्थितियों ने हिंदी कहानी के स्वरूप-निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है।

सम्पादक

डॉ॰ अजय के॰ पटेल

डॉ॰ पनेसर परमजीत एस॰

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