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Premchand Ki 51 Shreshtha Kahaniyan

Premchand Ki 51 Shreshtha Kahaniyan
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Premchand Ki 51 Shreshtha Kahaniyan
About the Book
Author of bookEd. By : Dr. Lakshmikant Pandey
Book's LanguageHindi
Book's EditionsSecond
Pages of book400
Publishing Year of book2018
  • Availability: In Stock
  • Model: BHB-355
  • ISBN: 978-93-85804-28-1
₹480.00
₹600.00
About the Book

प्रेमचन्द की 51 श्रेष्ठ कहानियाँ

बीसवीं शती के भारतीय जन जीवन के अमर कथाकार प्रेमचन्द की इक्यावन कालजयी कहानियों का संकलन प्रेमचन्द के व्यापक कथा-साहित्य की बानगी ही नहीं प्रस्तुत करता, उसे समग्रता के साथ रूपायित भी करता है। प्रेमचन्द के कथा-साहित्य का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय ग्राम्य जीवन और अपने युग के उत्पीड़न और शोषण का जितना जीवन्त चित्रण प्रेमचन्द ने किया है, उतना अन्य किसी कथाकार ने नहीं। सामाजिक समस्याओं के चित्रण के साथ ही अपने युग के सुधारवादी आन्दोलनां और उनसे जुड़े नेताओं के चरित्र को उजागर करके प्रेमचन्द ने प्रजातन्त्र के उदय के पूर्व ही संभावित भ्रष्टाचार का संकेत दे दिया है।कथ्य और संवेदना का यह व्यापक क्षेत्र मानसरोवर के आठ-भागों में संकलित है, जो वर्तमान महँगाई में सामान्य पाठकों की क्रयशक्ति के बाहर है। इधर उनकी कहानियों के कुछ संकलन भी आए हैं। पर वे केवल प्रेमचन्द साहित्य की बानगी ही प्रस्तुत करते हैं। इन सबसे हट कर उनके 8 खण्डो के मानसरोवर से 51 मोती चुनने का जो कार्य सम्पादक ने किया है, वह प्रेमचन्द का ही श्रेष्ठ नहीं हिन्दी कथा साहित्य का श्रेष्ठ है। प्रेमचन्द्र के कथा साहित्य के व्यापक संदर्भ से सम्पृक्त होने में पाठकों के लिए यह संकलन उपादेय होगा, ऐसा विश्वास है। उत्कृष्ट मुद्रण एवं कलात्मक आवरण के लिए प्रकाशक साधुवाद के पात्र हैं।

डॉ. उमेश चन्द्र मिश्रपूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग

सम्पादक

डॉ० लक्ष्मीकान्त पाण्डेय, हिन्दी विभाग

पी.पी.एन. कॉलेज, कानपुर

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