Brand: Dilip Mehra
About the bookहिन्दी में सामाजिक यथार्थ की परंपरा का प्रस्थान बिन्दु प्रेमचन्द का कथा-साहित्य है। प्रेमचन्द अपनी यथार्थवादी दृष्टि तथा सामाजिक सरोकारों के कारण खास तौर पर पहचाने जाते हैं। उन्होंने कल्पनात्मक प्रवृत्ति की जगह ठोस यथार्थ को महत्व दिया, संघर्षशील पात्रों की सृष्टि की तथा गति, संघर्ष और..
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