Menu
Your Cart

Dalit Strivad Ki Atmakathatmak Abhivyakti

Dalit Strivad Ki Atmakathatmak Abhivyakti
Secured Shopping
Best security features
Free Shipping
Free delivery over ₹100
Free Returns
Hassle free returns
Dalit Strivad Ki Atmakathatmak Abhivyakti
About the Book
Author of bookRam Naresh R.
Book's LanguageHindi
Book's EditionsFirst
Type of bindingHardcover
Pages of book112
Publishing Year of book 2013
  • Availability: Only 1 left
  • Model: BHB-535
  • ISBN: 9789382821342
₹166.00
₹195.00

दलित आन्दोलन और साहित्य मुक्ति की संघर्ष–यात्रा का अखिल भारतीय परिदृश्य निर्मित करता है । दलित स्त्री का लेखन इस परिदृश्य की धार व गम्भीरता में बढ़ोत्तरी करता है । दलित स्त्री ने इस सहस्राब्दी के प्रथम दशक में अपनी आवाज बुलन्द की है । अभी दलित स्त्री साहित्य का बहुलांश आत्मकथात्मक है । दलित लेखन के प्रतिष्ठित हो जाने के बावजूद यह कमी खटकने वाली थी कि दलित स्त्रियों के अनुभव से साहित्य–जगत वंचित क्यों है । जनतन्त्र की सेहत का अन्दाज तब तक नहीं हो सकता था जब तक समाज–व्यवस्था के पारम्परिक सोपान–क्रम में सबसे बाद की सीढ़ी पर खड़ी स्त्री अपना हाल न बताए । दलित स्त्री के अनुभवों के प्रकाशन ने मात्र प्रचलित और स्थापित साहित्य के समक्ष चुनौतियाँ नहीं खड़ी कीं बल्कि स्वयं दलित साहित्य को असुविधाजनक सवालों के सम्मुख ला खड़ा किया । राम नरेश राम की प्रस्तुत पुस्तक इस ऐतिहासिक स्थिति का भरोसेमन्द आकलन है । लेखक ने साहित्य और समाज के बुनियादी प्रश्नों की रोशनी में दलित स्त्री के आत्मकथात्मक साहित्य की पड़ताल की है और निर्णयात्मक स्वर में कुछ कहने की हड़बड़ी से अपने को बचाए रखा है । दलित स्त्री लेखन और संघर्ष को समझने के लिहाज से यह पुस्तक बहुत काम की दिखाई पड़ी । --- बजरंग बिहारी तिवारी

Write a review
Note: HTML is not translated!
Bad Good
We use cookies to provide you with the best possible experience on our website. You can find out more about the cookies we use and learn how to manage them here http://www.allaboutcookies.org/. Feel free to check out our policies anytime for more information.