
About the Book | |
Author of book | Ram Naresh R. |
Book's Language | Hindi |
Book's Editions | First |
Type of binding | Hardcover |
Pages of book | 112 |
Publishing Year of book | 2013 |
- Availability: Only 1 left
- Model: BHB-535
- ISBN: 9789382821342
दलित आन्दोलन और साहित्य मुक्ति की संघर्ष–यात्रा का अखिल भारतीय परिदृश्य निर्मित करता है । दलित स्त्री का लेखन इस परिदृश्य की धार व गम्भीरता में बढ़ोत्तरी करता है । दलित स्त्री ने इस सहस्राब्दी के प्रथम दशक में अपनी आवाज बुलन्द की है । अभी दलित स्त्री साहित्य का बहुलांश आत्मकथात्मक है । दलित लेखन के प्रतिष्ठित हो जाने के बावजूद यह कमी खटकने वाली थी कि दलित स्त्रियों के अनुभव से साहित्य–जगत वंचित क्यों है । जनतन्त्र की सेहत का अन्दाज तब तक नहीं हो सकता था जब तक समाज–व्यवस्था के पारम्परिक सोपान–क्रम में सबसे बाद की सीढ़ी पर खड़ी स्त्री अपना हाल न बताए । दलित स्त्री के अनुभवों के प्रकाशन ने मात्र प्रचलित और स्थापित साहित्य के समक्ष चुनौतियाँ नहीं खड़ी कीं बल्कि स्वयं दलित साहित्य को असुविधाजनक सवालों के सम्मुख ला खड़ा किया । राम नरेश राम की प्रस्तुत पुस्तक इस ऐतिहासिक स्थिति का भरोसेमन्द आकलन है । लेखक ने साहित्य और समाज के बुनियादी प्रश्नों की रोशनी में दलित स्त्री के आत्मकथात्मक साहित्य की पड़ताल की है और निर्णयात्मक स्वर में कुछ कहने की हड़बड़ी से अपने को बचाए रखा है । दलित स्त्री लेखन और संघर्ष को समझने के लिहाज से यह पुस्तक बहुत काम की दिखाई पड़ी । --- बजरंग बिहारी तिवारी