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Sahitya aur Samaj
About the Book | |
Author of book | |
Book's Language | Hindi |
Book's Editions | First |
Type of binding | Hardcover |
Pages of book | |
Publishing Year of book |
- Availability: In Stock
- Model: BHB-115
- ISBN: 9788192715452
₹320.00
₹400.00
About the book
आदिकाल से आज तक साहित्य और समाज का संबंध अटूट रहा है। मानव और मानव समाज के विकास में साहित्य की भूमिका विशेष रूप से देखी जा सकती है। आज के विज्ञान और टेक्नोलॉजी के युग में भी साहित्य का महत्व कम नहीं हुआ है। साहित्य समाज की आधारशिला है। साहित्य समाज को जागृत रखता है। समाज में सुख-दुःख, शांति-अशांति, युद्ध अनेकानेक स्थितियों की प्रेरक शक्ति साहित्य बन जाता है। साहित्य की प्रेरणा से समाज में आने वाला परिवर्तन अधिक स्थायी होता है।
प्रो. मुकेश कुमार ए. कांजिया
हिन्दी विभाग
मुनि. आर्ट्स एण्ड कॉमर्स कॉलेज
उपलेटा-360490