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Uttar Prashn

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Uttar Prashn
About the Book
Author of bookMeera Kant
Book's LanguageHindi
Book's EditionsFirst
Type of bindingHardcover
Pages of book72
Publishing Year of book2023
  • Availability: Only 10 left
  • Model: BHB-586
  • ISBN: 9789385804861
₹170.00
₹200.00

मीरा कांत का नाटक 'उत्तर प्रश्न' उत्तरोत्तर आधुनिक युग का प्रासंगिक प्रश्न है और स्त्री विमर्श का अगला सोपान भी यह उस संतुलित व्यवस्था की अभिलाषा है जहाँ स्त्री व पुरुष दोनों समतामूलक मानव मूल्यों से युक्त हों । इस मायने में यह एक नयी पुरुष पीढ़ी तैयार करने का सपना देता है।


कल्हण की 'राजतरंगिणी' के एक लघु प्रसंग के इर्द-गिर्द बुना गया यह नाटक कश्मीर की पहली महिला शासक यशोवती की कहानी है। कृष्ण के हाथों अपने कश्मीर - नरेश पति दामोदर को खोकर गर्भवती यशोवती स्वयं उन्हीं के उद्यम से कश्मीर की साम्राज्ञी बनती है। परन्तु एक योग्य नारी शासक मन्त्रिगण के लिए असह्य हो जाती है। वे ममता, वात्सल्य, त्याग आदि तथाकथित स्त्री कर्तव्यों की दुहाई देकर उससे सत्ता छीनने का षड्यन्त्र रचते हैं। रेशमी पर्दों की आड़ में स्त्री की सम्भावनाओं को पददलित करते हैं। 


उपलब्ध कथा के विपरीत यशोवती सत्ता और राजसत्ता पर पुरुष के एकल अधिकार को चुनौती देती है। वह कृष्ण से प्रश्न करती है कि यदि उसके गर्भ में कन्या भ्रूण होता तब भी क्या उनका अंतर्यामी उदार मन उसे इस पद पर आसीन करता ! इस बिन्दु पर यशोवती दृढ़ प्रतिज्ञ होकर कुछ कठोर निर्णय लेती है, उनके प्रतिकूल परिणामों का जोखिम उठाते हुए।


यह नाटक पुराकथा और इतिहास की कहासुनी से अलग चिरन्तन स्त्री प्रश्नों का अभिलेख है।


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Tags: Uttar , Prashn
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