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Phoolchand Gupta ki Lambi Kavitayen

Phoolchand Gupta ki Lambi Kavitayen
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Phoolchand Gupta ki Lambi Kavitayen
About the Book
Author of bookDr. Amrit Prajapati
Book's LanguageHindi
Book's EditionsFirst
Pages of book152
Publishing Year of book2017
  • Availability: In Stock
  • Model: BHB-364
  • ISBN: 978-93-85804-18-2
₹280.00
₹350.00
About the Book

फूलचंद गुप्ता की लम्बी कविताएँ

लंबी कविता आधुनिक चेतना की उपज है। भारतीय काव्य परंपरा में इसका अस्तित्व नहीं है। आधुनिक कविता ने स्वयं को रूढ़ियों से मुक्त कर कई नए रूप धारण किए। लंबी कविता इसी परिवर्तन प्रक्रिया में जन्मी। यह सही है कि आधुनिक चेतना ने पश्चिम की हवाओं के लिए अपने सभी गवाक्ष खोल दिए थे। भारतीय समाज में इस चेतना के कारण आए परिवर्तन ने भी उदारता से काम लिया। हिन्दी की लंबी कविता के आरंभ में इस प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता। मुक्तिबोध लंबी कविता के सबसे प्रतिष्ठित कवि हैं। उनकी लंबी कविताओं ने अधिकांश कवियों को आकर्षित व प्रभावित किया है। ‘अँधेरे में’ की संरचना इलियट की ‘वेस्ट लैंड’ की संरचना के बहुत करीब है। दोनों कविताओं में कवियों की मनोदशाओं को प्रतीकात्मक ढंग से अभिव्यक्ति मिली है और दोनों में बृहत्तर परिकल्पना में अनुस्यूत करने की प्रक्रिया है। दोनों कवियों ने अपने समय के संकट और अपने मानसिक असंतोष को विचारधारा के सहारे इन कविताओं में व्यक्त किया है।

डॉ० अमृत प्रजापति
एसोसियेट प्रोफेसर
शासकीय वाणिज्य एवं विनयन महाविद्यालय
कडोली, हिंमतनगर (साबरकांठा) गुजरात
पिन - 343 220, मो. 9428881267
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