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Hindi Ke Pramukh Kavi Aur Lekhak
About the Book | |
Author of book | Dr. K.N. Mishra |
Book's Language | Hindi |
Book's Editions | First |
Type of binding | HB |
Pages of book | 296 |
Publishing Year of book | 2019 |
- Availability: In Stock
- Model: BHB-481
- ISBN: 978938504403
₹580.00
₹750.00
प्रथम खण्ड
- हिन्दी काव्य साहित्य का इतिहास
- हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन
- हिन्दी साहित्य का आदिकाल- आदिकाल के विभिन्न नाम, आदिकाल को वीरगाथाकाल मानने का कारण, आदिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ
- हिन्दी साहित्य का भक्तिकाल -भक्तिकाल की पृष्ठभूमि, सगुण काव्यधारा, भक्तिकाल : हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग, निर्गुण ज्ञानाश्रयी काव्यधारा, निर्गुण प्रेमाश्रयी (सूफी) काव्यधारा, राम भक्ति काव्यधारा, कृष्ण भक्ति काव्यधारा
- हिन्दी साहित्य का रीतिकाल- रीतिकाल की सामान्य प्रवृत्तियाँ, रीतिबद्ध काव्यधारा, रीति मुक्त काव्यधारा, रीतिसिद्ध काव्यधारा
- हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल- आधुनिक काल का सामान्य परिचय, भारतेन्दु युग की प्रवृत्तियाँ , द्विवेदी युग की प्रमुख प्रवृत्तियाँ, छायावादी काव्य की विशेषताएँ, प्रगतिवादी युग की विशेषताएँ, प्रयोगवादी युग की विशेषताएँ, नई कविता की प्रमुख प्रवृत्तियाँ, अकविता काव्यान्दोलन की प्रमुख प्रवृत्तियाँ
- हिन्दी कविता से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- हिन्दी के प्रमुख कवियों का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
- कबीरदास
- मलिक मुहम्मद जायसी
- महाकवि सूरदास
- महाकवि तुलसीदास
- मीराबाई
- नरोत्तमदास
- रसखान
- आचार्य केशवदास
- बिहारीलाल
- महाकवि भूषण
- दीनदयाल गिरि
- पद्माकर
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’
- श्रीधर पाठक
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- मैथिलीशरण गुप्त
- जयशंकर प्रसाद
- माखनलाल चतुर्वेदी
- रामनेरश त्रिपाठी
- सत्यनारायण कविरत्न
- गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’
- सुभद्रा कुमारी चौहान
- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
- सुमित्रानन्दन पन्त
- महादेवी वर्मा
- डॉ. रामकुमार वर्मा
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
- श्याम नारायण पाण्डेय
- बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’
- सोहनलाल द्विवेदी
- सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय
- हरिवंश राय ‘बच्चन’
- नागार्जुन
द्वितीय खण्ड
- हिन्दी गद्य साहित्य का विकास
- 1. भारतेन्दु युग के पूर्व हिन्दी गद्य साहित्य की स्थिति
- 2. हिन्दी गद्य के विकास का विभाजन
- पूर्व भारतेन्दु युग ट्टभारतेन्दु युग ट्टद्विवेदी युग
- शुक्ल युग ट्टशुक्लोत्तर युग ट्टस्वातन्त्र्योत्तर युग
- 3. हिन्दी गद्य के विकास में भारतेन्दु युग का योगदान
- 4. हिन्दी गद्य के विकास में द्विवेदी युग का योगदान
- 5. हिन्दी गद्य के विकास में शुक्ल युग का योगदान
- 6. हिन्दी गद्य साहित्य के विकास में शुक्लोत्तर युग का योगदान
- 7. हिन्दी गद्य के विकास में स्वातन्त्र्योत्तर युग का योगदान
- 8. हिन्दी निबन्ध का विकास
- 9. हिन्दी उपन्यास साहित्य का विकास
- 10. हिन्दी कहानी का क्रमिक विकास
- 11. हिन्दी नाटकों का क्रमिक विकास
- 12. हिन्दी के एकांकी नाटकों का विकास
- हिन्दी गद्य से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- हिन्दी के प्रमुख गद्य लेखकों का जीवन परिचय एवं भाषा शैली की विशेषताएँ
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- पं. बालकृष्ण भट्ट
- पं. प्रताप नारायण मिश्र
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
- अध्यापक पूर्णसिंह
- मुंशी प्रेमचन्द
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
- डॉ. श्याम सुन्दर दास
- जयशंकर प्रसाद
- बाबू गुलाबराय
- श्री रायकृष्ण दास
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
- वियोगी हरि
- डॉ. सम्पूर्णानन्द
- गणेश शंकर विद्यार्थी
- महादेवी वर्मा
- भगवती प्रसाद श्रीवास्तव
- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
- वासुदेव शरण अग्रवाल
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
- बिनोवा भावे
- हरिभाऊ उपाध्याय
- वृन्दावनलाल वर्मा
- डॉ. रामकुमार वर्मा
- डॉ. नगेन्द्र
- रामवृक्ष बेनीपुरी
- काका कालेलकर
- श्रीराम शर्मा