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Hindi


About the Bookराजेन्द्र यादव के उपन्यासों में सामाजिक चेतनाराजेन्द्र यादव का नाम स्वातंत्र्योत्तर युग के उपन्यासकारों में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। राजेन्द्र यादव साठोत्तरी भारत की सही तस्वीर प्रस्तुत करनेवाले ऐसे रचनाधर्मी हैं जिनमें आजादी के बाद आए बदलाव की सही तस्वीर तो है ही, उसके साथ राजन..
₹240.00 ₹300.00
अस्सी की होने चली दादी ने विधवा होकर परिवार से पीठ कर खटिया पकड़ ली। परिवार उसे वापस अपने बीच खींचने में लगा। प्रेम, वैर, आपसी नोकझोंक में खदबदाता संयुक्त परिवार। दादी बजि़द कि अब नहीं उठूँगी। फिर इन्हीं शब्दों की ध्वनि बदलकर हो जाती है अब तो नई ही उठूँगी। दादी उठती है। बिलकुल नई। नया बचपन, नई जवानी..
₹382.00 ₹450.00
About the bookइस पुस्तक में लेखक के विभिन्न प्रकार के लेखों का संकलन है। यथा-प्रेम-सौंदर्य के गीतकार विद्यापतिजंभवाणी में आदर्श समाज-स्थापना की कामनाकबीर की प्रासंगिकता ो सूर के राम ो कविता में संगीत और सूरदासगुजरात के सूफी कवि और उनकी कविताधाराभारतेन्दु हरिश्चंद्र के साहित्य में व्यंग्यसरदार पूर्णस..
₹200.00 ₹250.00
About the bookइस ग्रन्थ में सिनेमा एवं प्रौद्योगिकी  से सम्बन्धित लेखों में निष्कर्ष निकलता है कि मनुष्य की वैचारिक संवेदनशीलता और जीवन जगत को वह जिस रूप में देखना चाहता है उसकी कल्पना ने कला को जन्म दिया जिसकी अभिव्यक्ति साहित्य, स्थापत्य, चित्र, शिल्प आदि में हुई। आगे चलकर विज्ञान की विभ..
₹600.00 ₹750.00
About the bookआदिकाल से आज तक साहित्य और समाज का संबंध अटूट रहा है। मानव और मानव समाज के विकास में साहित्य की भूमिका विशेष रूप से देखी जा सकती है। आज के विज्ञान और टेक्नोलॉजी के युग में भी साहित्य का महत्व कम नहीं हुआ है। साहित्य समाज की आधारशिला है। साहित्य समाज को जागृत रखता है। समाज में सुख-दुःख,..
₹320.00 ₹400.00
About the bookसमकालीन साहित्य, बाजार और मीडिया में इनके पारस्परिक संबंधों को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। साहित्य के अन्तर्गत जो पठन-पाठन होता है उससे सभी बखूबी चिरपरिचित हैं, किन्तु इनकी नवीनता यह है कि साहित्य और बाजार, साहित्य और सिनेमा, साहित्य और मीडिया के पारस्परिक    संबंध क्य..
₹320.00 ₹400.00
Brand: Durga Khatri
अनुक्रम★ हिन्दी व गुजराती साहित्य में हास्य-व्यंग्य लेखन की परंपरा★ जीवन, व्यक्तित्व, वाङ्मयक- शरद जोशी ख- ज्योतीन्द्र दवे★ साहित्य समीक्षाक- शरद जोशी के साहित्य में हास्य-व्यंग्य निरूपणख- ज्योतीन्द्र दवे के साहित्य में हास्य-व्यंग्य निरूपण★ शरद जोशी व ज्योतीन्द्र दवे के साहित्य में हास्य-व्यंग्य नि..
₹400.00 ₹500.00
भारतीय षड्दर्शन, स्मृति, धर्मशास्त्र, नाटक, काव्य, चम्पू, कथायें तथा इतिहास के अनेकानेक उत्तुंग ज्ञान की उस परा पश्यन्ती के योगियों ने भारतीय बु(जीवियों को बहुत आकर्षित किया, ऐसा विशाल यह वाङ्मय संपूर्ण रूप से सर्वत्र भरा ही दिखता है। इसी परम्परा में वीत राग संन्यासी, वैरागी, ज्ञानी भी अग्रिम पंक्ति..
₹220.00 ₹300.00
About the Bookसुदामाचरित काव्य का तुलनात्मक अध्ययनकै वह टूटि–सि छानि हती कहाँ‚ कंचन के सब धाम सुहावत।कै पग में पनही न हती कहँ‚ लै गजराजुहु ठाढ़े महावत।भूमि कठोर पै रात कटै कहाँ‚ कोमल सेज पै नींद न आवत।कैं जुरतो नहिं कोदो सवाँ प्रभु‚ के परताप तै दाख न भावत।~ नरोत्तम दासप्रत्येक मनुष्य..
₹240.00 ₹300.00
Brand: B.S. Solanki
About the bookमजीठिया : व्यक्तित्व एवं कृतित्व व्यंग्य : स्वरूपगत अध्ययन हिन्दी साहित्य में व्यंग्य : एक परिचय मजीठिया के साहित्य में व्यंग्य : विषयगत अनुशीलनमजीठिया के साहित्य में व्यंग्य : शिल्पगत अनुशीलनमजीठिया के व्यंग्य साहित्य का मूल्यांकनउपसंहार।डॉ. भगवानसिंह जे. सोलंकीश्री भीखाभाई पटेल इन्सी..
₹180.00 ₹225.00
About the bookसूरदास का प्रकृति-वर्णन।सूरदास का काव्य-सौन्दर्यसूरदास का वियोग वर्णनभ्रमरगीत के प्रधान चरित्रसूरदास का गीति काव्यसूरदास के दार्शनिक सिद्धांतभमरगीत : उपालंभ-काव्यभ्रमरगीर परम्परा एवं सूर का भ्रमरगीतसूरदास : जीवनवृत्त और रचनाएँडॉ. कल्पना पटेलप्रभारी प्राचार्या स्व.एस.एच. जोशी एण्ड बी.के..
₹240.00 ₹300.00
Brand: A. K. Patel
About the Bookस्वातंत्र्योत्तर हिंदी कहानी में कथ्य वैविध्यस्वातंत्र्योत्तर कहानीकारों में भीष्म साहनी, कमलेश्वर, अमरकांत, अमृतराय, राजेन्द्र यादव, हरिशंकर परसाई, मन्नू भंडारी, मोहन राकेश, शिवानी, मार्कण्डेय, फणीश्वरनाथ रेणु, शिवप्रसाद सिंह, ठाकुरप्रसाद सिंह, बच्चन सिंह, केशव प्रसाद मिश्र, भैरव ..
₹400.00 ₹500.00
About the bookमहाभारत एक ऐसा मिथक है जो सुदीर्घ अतीत से संबंधित होने पर भी वर्तमान की जटिल परिस्थितियों को समझने एवं अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम है। यह भारतीय संस्कृति का एक ऐसा महा आख्यान है जो शताब्दियों के मध्य पुनर्वर्णित, पुनर्लिखित और पुनर्व्याख्यायित हुआ है। 18 पर्वों में विभाज..
₹560.00 ₹700.00
Brand: Meera Kant
तीन अकेले साथ-साथमीरा कांत की नाट्य त्रयी 'तीन अकेले साथ-साथ ' एक ही शीराज़े में एक साथ स्त्री को केन्द्र में रखकर लिखे गये तीन एकल नाटकों का संग्रह है। अपने में जितने मुकम्मल उतने ही अकेले मगर एक डोर से बंधे होने के कारण तीनों एकल साथ-साथ। जैसे बहुत भिन्न व्यक्तित्व और पृष्ठभूमि की तीन स्त्रियों का..
₹245.00 ₹275.00
Brand: D.P. Singh
About the bookउदय प्रकाश : व्यक्तित्व और सृजनउदय प्रकाश की कथा-यात्रामोहनदास कहानी का कथ्यमोहन दास कहानी का शिल्पगत वैशिष्ट्यउपसंहार।About the authorडॉ. धर्मेन्द्र प्रताप सिंहसहायक आचार्य, हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभागकेरल केन्द्रीय विश्वविद्यालयकेरल..
₹240.00 ₹300.00
Brand: Nazma Ansari
About the bookहिन्दी उपन्यास-साहित्य एवं शिवानीउपन्यासकार शिवानी का व्यक्तित्व एवं कृतित्वशिवानी के उपन्यासों में वर्णित समस्याएँ शिवानी के उपन्यास साहित्य में संवेदनाशिवानी के उपन्यासों की शिल्प-कलाशिवानी के उपन्यासों की उपलब्धियाँ एवं सीमाएँउपसंहार।डॉ. नज़मा एम. अन्सारीहिन्दी विभागआर्ट्स एण्ड कॉमर्..
₹320.00 ₹400.00
Brand: Suresh Patel
About the bookउत्तर आधुनिकता और साहित्यउदय प्रकाश : व्यक्तित्व और कृतित्वउदय प्रकाश और उनका काव्यउदय प्रकाश और उनकी कहानियाँउदय प्रकाश का अन्य साहित्यउपसंहार।डॉ. सुरेश पटेलअध्यक्ष, हिन्दी विभागवाई.एस. आर्ट्स एण्ड के.एस. शाह कामर्स कालेजदेवगढ़ बारिया, दाहोद..
₹400.00 ₹500.00
Brand: Meera Kant
मीरा कांत का नाटक 'उत्तर प्रश्न' उत्तरोत्तर आधुनिक युग का प्रासंगिक प्रश्न है और स्त्री विमर्श का अगला सोपान भी यह उस संतुलित व्यवस्था की अभिलाषा है जहाँ स्त्री व पुरुष दोनों समतामूलक मानव मूल्यों से युक्त हों । इस मायने में यह एक नयी पुरुष पीढ़ी तैयार करने का सपना देता है।कल्हण की 'राजतरंगिणी' के ए..
₹170.00 ₹200.00
About the bookमहर्षि वाल्मीकि और उनका रामायणवाल्मीकीय रामायण के रामरामायण में राम का महामानवत्वराम की पितृभक्ति राम का मातृप्रेम राम का भ्रातृप्रेम रामायण में राम का पति रूपमित्रता की प्रतिमूर्ति श्रीरामरामायण में राम का सौन्दर्य शक्ति और शीलत्वदृढ़ प्रतिज्ञ शरणागतवत्सल श्रीरामराजनीतिज्ञ राजा रामराम ..
₹200.00 ₹250.00
Brand: N.T. Gameet
About the bookइस पुस्तक में 26 शोध-आलेख संकलित किये गए हैं जो सामाजिक चेतना, दलित चेतना, नारी विमर्श, युगबोध, सांस्कृतिक चिंतन, परिवेशगत, राष्ट्रीय चेतना एवं धार्मिक चेतना को उजागर करते हैं। ये सभी विषय गहन, गंभीर और व्यापक हैं।डॉ. एन.टी. गामीतरीडर, हिन्दी भवनसौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट..
₹240.00 ₹300.00
About the bookविद्यापति का जीवन परिचयमुक्तक काव्य परम्परा और विद्यापतिविद्यापति : भक्त या श्रृंगारी कविविद्यापति की भक्ति-भावनाविद्यापति का श्रृंगार वर्णनविद्यापति का नायिका भेदविद्यापति का प्रकृति-चित्रणविद्यापति के कृष्णविद्यापति की राधाविद्यापति का काव्य-सौन्दर्य।डॉ० कल्पना पटेलप्रभारी प्राचार्या..
₹240.00 ₹300.00
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